धारा-१५ बिन्ती करने का प्रक्रिया - बिन्ती कराने वाला अधिकारी समय आने पर बेदी पर बिराजमान होकर ध्वन करते हुए धरमेश का महिमा की पंक्तियों को उच्चारण करते जाएगी। पीछे से उपस्थित जन समुह भी उच्चारण करते जाएगें।
-हे धरमे बेलायो, हे एंघहय उरवायो ,
निनिम ई सिरीसीतान सिरजाचकय,
अनआ-रितआ पुपंती झवराचकय.
मने मनिसा जिया-जन्तु सिरजाचकय,
मनवारिन हुँ निनिम सिरीजन नंजकय,
मनवारगे उज्जना-बिजना ही लुर-बुद्धि चिचकय,
निधंहय वौसा ही ओर छोर मल्ला धरमे,
निन मन ईच्छा हुरमी नना ओंगदय धरमे,
निन निरांकार रअदय धरमे,
निन हुरमी बीरी, हुरमी गुसना रअदय घरमे,
निधंहय अकार मल्ला-प्रकार मल्ला,
निधंहय घेरा मल्ला-सिमान मल्ला,
निधंहय हुकुम करे बीड़िता-एख काला-बरआ लगी,
ताका-अम्म बहा लगी,
निधंहय नियम-धरम अटल रई धरमे,
निधंहय न्याय-हुरमी-बिरि ओंटम रई धरमें,
एगंन दया अरा मया नना धरमे,
दव नलखन ननागे लुर-बुद्धि चीईके धरमे,
युग-युग निधंहय विनती ननोन धरमें,
दया नन, एधंहय बिन्तीन मेनके धरमे,
दोहाई-धरमें
जय-धरम...............
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